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स्मृति मन्धाना के जीवन में राहुल द्रविड़ का महत्वपूर्ण योगदान

स्मृति मन्धाना

राहुल द्रविड़ का महत्वपूर्ण योगदान:

स्मृति मन्धाना बचपन से ही क्रिकेट खेलने की शौक़ीन रही हैं उन्होंने क्रिकेट की शुरुआत अपने भाई श्रवण से सीखा। स्मृति और उनके भाई में चार साल का अंतर है दोनों भाई बहन बाएँ हाथ के हैं

लेकिन दोनों ही दाएँ हाथ से बल्लेबाज़ी करते हैं उनका भाई अंडर-19 टीम के ख़िलाफ़ ले चुके हैं किसी कारण वह इस खेल को आगे जारी नहीं रख पाए लेकिन भाई को देखकर इस स्मृति मंधाना की क़िस्मत चमक गई थी।

राहुल द्रविड़ का स्मृति मंधाना के क्रिकेट करियर में काफ़ी योगदान रहा है और वे योगदान एक बेट से रहा है 2013 में अंडर-19 क्रिकेट टूर्नामेंट में गुजरात के ख़िलाफ़ 224 रन बनाए उस दौरान बेट से रनों की बौछार देखने को मिली।

वह किसी और का नहीं बल्कि द्रविड़ का ही बेट था दरअसल इस मैच से पहले उनके भाई पहली बार द्रविड़ से मिले थे और उन्होंने  स्मृति के लिए बेट माँगा था।

राहुल ने अपने से किट से बेट निकालकर ऑटोग्राफ के साथ स्मृति को गिफ़्ट किया था इस भेंट के साथ ही स्मृति मंधाना ने गुजरात के ख़िलाफ़ दोहरा शतक जड़ा था और आज उनकी गिनती धाकड़ बल्लेबाजों में से एक होती है

स्मृति मन्धाना: बचपन से क्रिकेट के प्रति रुचि

स्मृति मन्धाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था उसके बाद उनका परिवार महाराष्ट्र के सांगली के माधवनगर चला गया था जहाँ स्मृति मन्धाना ने अपना पूरा बचपन बिताया स्मृति मंधाना के पिता श्रीनिवास पेशे से कैमिकल डिस्ट्रीब्यूटर है और उनके माता गृहिणी थी उनके जीवन मे राहुल द्रविड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू और प्रमुख प्रदर्शन

क्रिकेट जगत में पुरुषों के अलावा अब महिलाओं ने भी अपना नाम क्रिकेट जगत में उजागर किया है इसमें स्मृति मंधाना कई फ़ैन्स के दिलों में राज करती है उन्हें क्रिकेट क्रश के नाम से भी जाना जाता है 

उनके नाम क्रिकेट में एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड दर्ज है आपको बता दें कि 17 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाली क्रिकेटर स्मृति मंधाना का सफ़र कुछ इस तरह रहा।

5 अप्रैल 2013 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया 17 साल की उम्र में उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टी20 मैच खेला था लेकिन इस मैच में वे सिर्फ़ 1 रन ही बना पाए लेकिन उनकी हिम्मत और जुनून को क़ायम रखते हुए आज उनकी गिनती जाबाज़ खिलाड़ियों में से एक होती है 

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