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“यशस्वी जायसवाल: क्या उन्होंने अपनी ज़िंदगी में कभी पानी पुरी बेचीं?

यशस्वी जायसवाल

यशस्वी जायसवाल के कोच भड़के मीडिया पर:

यशस्वी जायसवाल, भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर, ने हाल ही में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यूकिया और पहले ही टेस्ट में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। इससे पहले IPL 2023 में भी उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए खूब सारेरन बनाए थे।जायसवाल के सफलता से जुड़ी एक और मिस्ट्री पर्दा उठ गया है, जिसमें उनके पानी पूरी विक्रेता होने के बारे में बताया गया था।

उनके बचपन के कोच ज्वाला सिंह ने सारे मामले का सच बताया है। उन्होंने यशस्वी को एक पानी पूरी विक्रेता नहीं बनाए थे, और उनके पास ऐसा कोई वीडियो भी नहीं था जिसे इंटरनेट पर वायरल किया जाता है। वास्तव में, जायसवाल के पिता ने कई साल पहले गोलगप्पे के स्टॉल के सामने रहते हुए लोगों की मदद करने का काम किया था और उन्हें कुछ पैसे दिए जाते थे। इससे उन्हें प्रोफेशनल पानी पूरी विक्रेता नहीं बनाया गया था।

ज्वाला सिंह ने यशस्वी के साथ एक टीवी शो के दौरान उनकी एक तस्वीर खिंचवाई थी, जिसमें वह अपने अकैडमी के कुछ छात्रों को गोलगप्पे खिला रहा था। यह तस्वीर वायरल हो गई थी और लोगों ने इसे गलत तरीके से पेश किया, कहते हुए कि यशस्वी पहले गोलगप्पे बेचते थे और उसके बाद क्रिकेटर बने। इसके बाद भी उन्हें लोगों की मदद करने की चाह रही

और उन्होंने अपने स्टूडेंट्स को गोलगप्पे खिलाकर एक वीडियो बनाया था जिससे वह और वायरल हुआ। इस वीडियो के चलते उन्हेंपानी पूरी विक्रेता बताया गया। ज्वाला सिंह ने यह भी बताया कि यशस्वी को समान के घर में ही रहने की सुविधा मिली थी और उन्हें वोसारी सुविधाएं मिली थी जो एक अच्छे फैमिली के लड़कों को मिलती हैं।यशस्वी की सफलता और संघर्ष का यह सच्चाई उनके जीवन को और मजबूती देता है।

उनके इंटरव्यूज़ में बताया गया है कि कैसे संघर्ष ने उन्हें आगे बढ़ने में मदद की। इस तरह की प्रेरणादायक कहानियों से हमें सीख मिलती है कि मेहनत और समर्पण से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।यशस्वी जायसवाल ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में एक शतक जड़कर विदेशी खेलाड़ियों को भी चौंका दिया है और भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक उम्मीदवार बन गए हैं

उन्हें अपनी इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई दी जाती है। वे आगे भी अपने अच्छे प्रदर्शन से देश का नाम रोशन करते रहेंगे।पिता समान कोच ज्वाला सिंह ने उनके बचपन के दिनों के बारे में बताया कि उनके परिवार की हालत बहुत ठीक नहीं थी लेकिन वे संघर्ष ना सिर्फ़ अपने लिए बल्कि अपने परिवार के लिए भी किये थे और अपने सपने पूरे करने में सफल रहे हैं।

यशस्वी जायसवाल के सफलता के बारे में यह सच्चाई जानने के बाद, हमें इनकी मेहनत की पहचान होनी चाहिए। वे अपने अच्छे प्रदर्शनके लिए प्रशंसा के पात्र हैं और हम उन्हें आगे भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने की शुभकामनाएं देते हैं। उनका यह सफर और उनकीसंघर्षपूर्ण कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें और किसी भी मुश्किल का सामना साहससे करें।

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